Bihar Assembly
– Photo : Amar Ujala Digital
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बिहार में नगर निकायों का चुनाव पिछली बार से इस तरह हो रहा है कि मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद, (मेयर, डिप्टी मेयर) भी पार्षदों की तरह सीधे आम जनता के वोट से चुने जा रहे हैं। मतलब सीधे आम जनता एक-एक जनप्रतिनिधि खुद चुन रही है। पहले प्रावधान यह था कि पार्षद आम जनता चुनती थी और पार्षदों का समूह अपने बीच से मेयर, डिप्टी मेयर (मुख्य पार्षद, उप पार्षद) के पदों पर अपने बीच से चुनता था। सीधे जनता से चुने हुए मेयर और डिप्टी मेयर को हटाने के लिए अब भी पार्षद पहले की तरह अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे। इसे देखते हुए नगर विकास विभाग ने बिहार विधानसभा से में इस आशय का प्रस्ताव लाया कि जनता के वोट से सीधे चुने गए मेयर या डिप्टी मेयर जैसे जनप्रतिनिधियों को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया नहीं जा सके। बिहार विधानसभा में नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने यह प्रस्ताव विपक्ष के वॉकआउट के दौरान लाया और ध्वनि मत से यह पारित हो गया। कानून के रूप में इसके लागू होने के बाद पार्षद अब अविश्वास प्रस्ताव लाकर मेयर या डिप्टी मेयर को नहीं हटा सकेंगे।